रैम और स्टोरेज में क्या अंतर है? जानिए आसान भाषा में मोबाइल और कंप्यूटर की असली मेमोरी कौन सी है

रैम और स्टोरेज में क्या अंतर है? मोबाइल और कंप्यूटर की असली मेमोरी कौन सी है

जब भी हम मोबाइल या कंप्यूटर खरीदने जाते हैं, तो एक सवाल जरूर आता है – इसमें कितनी रैम है और कितनी स्टोरेज?
कई लोग इन दोनों को एक जैसा समझ लेते हैं, लेकिन असल में रैम और स्टोरेज दोनों बिल्कुल अलग-अलग चीज़ें होती हैं, और दोनों की अपनी-अपनी भूमिका होती है।

इस लेख में हम रैम और स्टोरेज के बीच का फर्क आसान भाषा में समझेंगे, ताकि अगली बार जब आप कोई डिवाइस खरीदें या अपग्रेड करें, तो सही फैसला ले सकें।


रैम (RAM) क्या है?

RAM का पूरा नाम है – Random Access Memory.
रैम एक तरह की अस्थायी मेमोरी (Temporary Memory) होती है, जो आपके मोबाइल या कंप्यूटर में तुरंत चल रहे कामों को संभालने का काम करती है।

जब आप:

  • कोई ऐप खोलते हैं
  • कोई ब्राउज़र टैब चलाते हैं
  • वीडियो एडिटिंग करते हैं
  • गेम खेलते हैं

तो ये सभी काम रैम में चलते हैं। जितनी ज्यादा रैम होगी, उतना ही स्मूद आपका डिवाइस काम करेगा।

रैम की खास बातें:

  • Temporary होती है – डिवाइस बंद होते ही रैम खाली हो जाती है
  • Multitasking के लिए जरूरी होती है
  • स्पीड बढ़ाने में अहम रोल निभाती है
  • मोबाइल/लैपटॉप में 4GB, 8GB, 16GB आम मात्रा होती है

स्टोरेज (Storage) क्या है?

स्टोरेज वो जगह होती है जहाँ आपकी सारी फाइलें, फोटो, वीडियो, ऐप्स और डाटा सेव होता है।
यह एक स्थायी मेमोरी (Permanent Memory) होती है – मतलब डिवाइस बंद करने पर भी डेटा बना रहता है।

स्टोरेज के प्रकार:

  1. HDD (Hard Disk Drive) – पुरानी और सस्ती
  2. SSD (Solid State Drive) – नई, तेज और टिकाऊ
  3. eMMC / UFS – मोबाइल डिवाइसेज़ में इस्तेमाल होती हैं

स्टोरेज की खास बातें:

  • फोन या लैपटॉप की “मेमोरी” ज्यादातर लोग इसी को समझते हैं
  • इसमें आपका सिस्टम, ऐप्स और पर्सनल डाटा सेव होता है
  • आमतौर पर 64GB, 128GB, 512GB या 1TB तक होती है

रैम और स्टोरेज में क्या मुख्य अंतर है?

पहलूरैम (RAM)स्टोरेज (Storage)
प्रकारअस्थायी मेमोरीस्थायी मेमोरी
कामचल रहे ऐप्स को संभालनाफाइल्स और डाटा को सेव रखना
स्पीडबहुत तेजरैम से कम
क्षमताकम होती है (4GB, 8GB)ज्यादा होती है (128GB, 512GB)
डाटा बचता है?नहींहां
अपग्रेड किया जा सकता है?हांहां

उदाहरण से समझें:

मान लीजिए आपका मोबाइल एक स्कूल बैग है:

  • रैम उस टेबल जैसी है जहाँ आप किताबें रखकर पढ़ रहे हैं
  • स्टोरेज उस बैग जैसी है जहाँ आप किताबें लेकर आए हैं

आप टेबल पर जितनी किताबें रख सकते हैं (रैम), उतना ही आप एक समय में पढ़ सकते हैं। लेकिन आपकी किताबों का कलेक्शन (स्टोरेज) बैग में सुरक्षित रहता है।


कब रैम बढ़ाएं और कब स्टोरेज?

जरूरतसमाधान
मोबाइल/लैपटॉप स्लो हैरैम बढ़ाएं
ज्यादा ऐप्स खोलने पर हैंग होता हैरैम बढ़ाएं
डाटा खत्म हो गया हैस्टोरेज बढ़ाएं
फोटोज/वीडियो सेव नहीं हो पा रहेस्टोरेज बढ़ाएं

निष्कर्ष:

रैम और स्टोरेज दोनों ही जरूरी हैं, लेकिन इनके काम अलग-अलग हैं।
रैम से डिवाइस की स्पीड और मल्टीटास्किंग तय होती है, जबकि स्टोरेज से आपके डाटा की क्षमता तय होती है।
जब आप अगली बार मोबाइल या लैपटॉप खरीदें, तो सिर्फ GB देखकर नहीं – उसकी रैम और स्टोरेज दोनों की समझ के साथ सही विकल्प चुनें।


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