रैम क्या है? जानिए मोबाइल और कंप्यूटर की मेमोरी से जुड़ी जरूरी बातें – आसान भाषा में

रैम क्या होता है? (RAM Kya Hota Hai?)

जब भी आप अपने मोबाइल या कंप्यूटर में कोई ऐप या सॉफ्टवेयर खोलते हैं, तो वो सीधा स्टोरेज (जैसे SSD या हार्डड्राइव) से नहीं चलता — वो पहले रैम (RAM) में लोड होता है।
रैम का काम है — तुरंत जरूरत वाले डाटा को तेजी से प्रोसेस करना ताकि आपका सिस्टम फास्ट काम करे।

RAM का पूरा नाम है – Random Access Memory.

रैम की भूमिका क्यों जरूरी है?

जैसे स्कूल में आप किताबों को टेबल पर रखकर पढ़ते हैं (ना कि अलमारी में से हर बार निकालते हैं), वैसे ही कंप्यूटर या फोन भी बार-बार स्टोरेज से चीजें नहीं उठाता।
वो RAM में चीजें रखता है ताकि स्पीड अच्छी बनी रहे

रैम कितने प्रकार की होती है?

  1. DDR3 RAM – पुराने लैपटॉप और पीसी में
  2. DDR4 RAM – ज्यादातर नए सिस्टम में
  3. DDR5 RAM – हाई‑परफॉर्मेंस और गेमिंग डिवाइसेज़ में
  4. LPDDR RAM – मोबाइल और टैबलेट में

मोबाइल में रैम क्यों मायने रखती है?

मोबाइल में अगर रैम कम होगी, तो:

  • फोन धीमा चलने लगेगा
  • एक साथ कई ऐप्स खोलने में परेशानी होगी
  • गेम्स या वीडियो एडिटिंग में लैग आएगा

6GB या 8GB रैम आज के मोबाइल के लिए अच्छा माना जाता है।

कंप्यूटर और लैपटॉप में रैम कितनी होनी चाहिए?

  • ऑफिस वर्क और ब्राउज़िंग – 4GB से काम चल जाता है
  • स्टूडेंट्स और बेसिक यूज़र्स – 8GB ठीक है
  • गेमिंग और एडिटिंग – 16GB या उससे ज्यादा बेहतर रहेगा

रैम अपग्रेड कब करें?

  • जब आपका सिस्टम स्लो हो जाए
  • कई ऐप्स एक साथ चलाने पर हैंग होने लगे
  • विंडोज अपडेट या भारी सॉफ्टवेयर इस्तेमाल कर रहे हों

रैम खरीदते समय ध्यान देने वाली बातें:

  • अपने डिवाइस की मैक्स रैम लिमिट चेक करें
  • सही टाइप (DDR3, DDR4,DDR5 आदि) चुनें
  • ब्रांडेड और गैर-लोकल RAM खरीदें (जैसे Kingston, Crucial, Corsair)

निष्कर्ष:

रैम आपके मोबाइल और कंप्यूटर की वो मेमोरी है जो काम को तेज और आसान बनाती है। अगर आपका डिवाइस धीरे चलता है, तो रैम बढ़ाना एक सस्ता और असरदार तरीका हो सकता है परफॉर्मेंस बेहतर करने का।



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